इंटरनेट कैसे चलता है हिंदी -how to internet run

इंटरनेट कैसे चलता है हिंदी |how to internet run|

दोस्तों क्या कभी आपके मन में ऐसे प्रश्न उत्पन्न हुऐ है कि आखिर हमारे मोबाइल में इंटरनेट कहां से आता है और इंटरनेट कैसे काम करता है how to work internet।कैसे हम किसी वेबसाइट पर विजिट करते हैं और वह वेबसाइट भले ही कैलिफोर्निया में स्थित हो हमें वह जानकारी मिल जाती है।और साथ ही साथ यह सवाल भी मन में उत्पन्न हुआ होगा कि हमारे मोबाइल में जो इंटरनेट डलवाते हैं और जो हम पैसे देते हैं वह पैसा किसके पास जाता है।तो दोस्तों इन सभी सवालों और जिज्ञासाओं के साथ हम बढ़ते हैं  और इस टॉपिक में हम जाने वाले हैं।

इंटरनेट कैसे चलता है

दोस्तों इंटरनेट ना ही किसी सेटेलाइट से चलता है और ना ही किसी भी किरणों से । यह चलता है माध्यम द्वारा याने की इसको चलने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। और माध्यम बनता है fibre optics cable  हां दोस्तों इंटरनेट केबल द्वारा चलता है। और आपको यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा की फाइबर और टैक्स केबल हर देश को जुड़े हुए हैं हर राज्य को जुड़े हुए साथ ही साथ हर जिलों को भी जुड़े हुए याने की आपके टावर तक इंटरनेट फाइबर ऑप्टिक केबल के द्वारा ही आता है ।दोस्तो अगर आपको बाहर के वेबसाइट पर विजिट करना है माना वह वेबसाइट यूनाइटेड में स्थित हो तो आपका सर्वर सबसे पहले मुंबई जाएगा क्योंकि ऑप्टिक फाइबर केबल का मुख्य केंद्र मुंबई है फिर इसके  बाद में यूनाइटेड । हम आपको यह भी बता दें कि इंटरनेट तो फ्री रहता है परंतु हमें फाइबर ऑप्टिक केबल के लिए पैसे देने पड़ते हैं जो कंपनियां इन फाइबर ऑप्टिक्स केबल को डलवाती है उन्हें हम तीन भागों में बांटते हैं।

Tier-1

Tier-2

Tier-3

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Tier-1   कंपनी का कार्य work of Tier-1  company

दोस्तों कोई भी विदेशी प्रोडक्ट  डायरेक्ट आपके पास नहीं आता है चाहे आप अगर किसी अमेजॉन से कोई भी प्रोडक्ट मंगवाते हो तो वह डायरेक्ट आपके पास नहीं आता इसी प्रकार इंटरनेट चाहे केबल से चलता है परंतु उसके भी बांटा गया है तीन भागों में पहली टीयर कंपनी फाइबर केबल को देशों तक पहुंचाती है याने की देशों को कनेक्ट करती है तथा देश के मुख्य केंद्र तक इंटरनेट को लाकर छोड़ देती है ऑप्टिक्स केबल में 100 GB/ps की स्पीड मिलती है। अगर बात करें इंडिया की तो मुंबई में फाइबर ऑप्टिक केबल दूसरे देशों से कनेक्ट होती है।tier-1 company ऑप्टिक्स फाइबर केवल को समुद्री मार्ग से भी लाती है साथ ही साथ यह उनकी मरम्मत का जिम्मा भी उठाती हैं मान लो अगर एक ऑप्टिक्स केबल डैमेज हो गई हो तो उनके पास अतिरिक्त ऑप्टिक्स केबल बिछी रहती है जो कि ऐसी मुश्किल समय में काम ली जा सके।


tier-2 कंपनी का कार्य Work of tier-2 company


Tier-1 company ने फाइबर ऑप्टिक्स केवल को देशों से तो जोड़ दिया परंतु अब देश के विभिन्न राज्यों तक पहुंचाने का काम tier-2 कंपनी का होता है इस कंपनी के अंतर्गत जिओ रिलायंस ,आइडिया ,वोडाफोन, जैसी कंपनी आ जाती है जो कंपनी फाइबर ऑप्टिक केबल को राज्यों से जोड़ती है राज्यों के साथ-साथ उनके मुख्य केंद्र को भी जोड़ देती है। मैं आपको फिर से कह रहा हूं इंटरनेट तो फ्री रहता है केवल फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने के पैसे ही कंपनी आपसे लेती है यह कंपनी केवल एक बार फाइबर ऑप्टिक्स केबल बिछा देती है और अपनी इनकम हमेशा जनरेट करते रहती है।

tier- 3 कंपनी का कार्य Work of tier- 3 company

tier- 3 company कंपनी का कार्य सारे ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्रों को जोड़ना। और वहां पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराना होता है इसके अंतर्गत टावर लगाने का कार्य tier- 3 company कंपनी का होता है इन कंपनियों में भी जियो रिलायंस,आइडिया ,वोडाफोन जैसी कंपनियां है।

इंटरनेट की स्पीड कम क्यों हो जाती है

दोस्तों इंटरनेट की स्पीड कम होने का एकमात्र कारण यह है की फाइबर ऑप्टिक्स केवल अगर 100 gbps ही सपोर्ट कर रही है और ज्यादा संख्या में लोग सर्च या फिर इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं तो इस कंडीशन में संख्या ज्यादा होने पर इंटरनेट की स्पीड में कमी आ जाती है। क्योंकि सर्वर को तो 100 gbps सभी लोगों में प्रोवाइड करवाना है तो वह स्पीड कम कर देता। अगर आप रात के समय इंटरनेट का उपयोग करोगे तो आपको अच्छी स्पीड मिलेगी क्योंकि रात मैं इंटरनेट यूजरओं की संख्या कम हो जाती है।

दोस्तों मुझे आशाा है कि आप जिस जानकारी के लिए आए थे ।आपको वह जानकारी स्पष्ट रूप से मिल चुकी होगी।  आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट करके बताएं तथा इस जानकारी को अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें बनेे रहिए हमारे साथ धन्यवाद!

 

 

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